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बलिया के इस परिवार की चौथी पीढ़ी भी देश सेवा में, बेटा बना लेफ्टिनेंट
बलिया: बचपन से ही फौज के प्रति लगाव रखने वाले मोहित ओझा को सेना में पद भार मिल गया है. शनिवार को आइएमए, देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड के बाद मोहित के कंधे पर लेफ्टिनेंट पद की पिपिंग सजा दी गई.
मोहित के पिता राकेश ओझा ने बताया कि कोरोना प्रोटोकाल के तहत वे आइएमए नहीं जा पाए, लेकिन आज उन्हें बेटे पर फक्र है. उन्होंने बताया कि ओझा परिवार की यह चौथी पीढ़ी है जो सेना में सेवा के लिए पहुंची है. बकौल राकेश इससे पहले मोहित के परदादा धनेश्वरनाथ ओझा, दादा गजाधर नाथ ओझा, चाचा बृजेश ओझा सेना में सेवाएं दे चुके हैं.
मोहित को पहली पोस्टिंग अमृतसर में मिली है. उन्हें आर्टिलरी में तैनाती मिली है. मूल रूप से गांव रूद्रपुर निवासी राकेश ओझा वर्तमान में सतनी सराय, अशोक नगर में रहते हैं. उनके पुत्र मोहित ने दसवीं तक की पढ़ाई यहीं के होली क्रॉस स्कूल से की. इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए. लाल बहादुर शास्त्री स्कूल, दिल्ली में 12वीं की पढ़ाई के दौरान ही मोहित ने प्रवेश परीक्षा दी और सलेक्ट हो गए.
तीन वर्ष की पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद मोहित सैन्य अफसर बनकर निकले हैं. मोहित ने अपनी सफलता का श्रेय पिता को दिया. उन्होंने कहा कि पिता की इच्छा थी कि वे एक सफल इंसान बने. चूंकि बचपन से ही घर में वर्दी का महत्व देखा था, इसलिए फौज में अफसर बनने की तमन्ना थी. मौका मिला, मेहनत की तो पिता के साथ अपना सपना भी साकार कर लिया.