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स्पेशल बलिया

बलिया में आग लगने से जली 100 से अधिक झोपड़ियां, 50 परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

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बलिया: जिले के एक गांव में दो दिन पूर्व 26 अप्रैल को आग लगने से लगभग 50 परिवारों के 100 से अधिक झोपड़ियां जल कर राख हो गई। जिसमें लोगों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। लोगों के झोपड़े में रखे अनाज भूसा, मवेशी सब जल गए। जिससे गांव के सभी अग्नि पीड़ित परेशान हैं।

गांव वालों को कहना है कि दो दिन बीत जाने के बाद भी उनके पास कोई भी मदद सरकार की तरफ से नहीं पहुंचा है। आग में सब कुछ जल जाने से उनके पास कुछ बचा नहीं है। इलाज कराने तक के पैसे नहीं हैं। पूरा मामला बांसडीह तहसील के खेवसर, कुड़ियां गांव का है।

जले हुए भूंसे से गेहूं निकालते किसान
वहीं अग्नि पीड़ित पूजा यादव का कहना है कि आग में सब कुछ जलकर खाक हो गया है। मेरे पास कुछ नहीं बचा है, न घर में अनाज है, न पानी है। पति बीमार रहते हैं, क्या खाऊं, क्या पिलाऊं, कैसे इनका इलाज करवाऊं। इस स्थिति में न कोई मेरी सुनेगा, और ना ही सुना पाऊंगी।

आखिर जाऊं तो जाऊं कहां। आग लगी की इस घटना में बच्चों की किताबें, यूनिफॉर्म तक जलकर नष्ट हो गया है। समझ में नहीं आ रहा कि बच्चों की किताबें, यूनिफॉर्म कैसे खरीदूं। पास में फूटी कौड़ी नहीं है, बच्चों की फीस कैसे जमा होगी। बता दें कि आग लगी की इस घटना के बाद अग्नि पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। आग लगी की इस घटना में सिर्फ एक परिवार नहीं बल्कि की कई परिवार के सदस्यों के सामने संकट पैदा हो गया है।

अग्नि पीड़ित शम्भू नाथ यादव बोले-आग में सब कुछ बरबाद हो गया।
शम्भू नाथ यादव ने बताया कि मेरी पत्नी बीमार रहती है। चक्कर खाकर गिर जाती है। हाई बीपी रहता है, दवाएं चल रही हैं लेकिन अब अपनी पत्नी की दवा कैसे कराऊंगा यह समझ में नहीं आ रहा है।क्योंकि आग ने हमारा सब कुछ जला दिया है। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी हालचाल लेने कोई नहीं आया। हमारी व्यथा सुनने के लिए भी कोई नहीं आया। सहायता की बात तो छोड़िए।

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