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चाय बेचने वाला लड़का बना IAS अफसर, गरीबी में गुजरा है हिमांशु का बचपन

सफलता की कहानी: सक्सेज स्टोरी में आज हम बात करेंगे आईएएस हिमांशु गुप्ता की, जो चाय बेचने वाले के बेटे हैं। उन्होंने 2019 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और 309वीं रैंक हासिल की थी। 2020 में उन्होंने आखिरी प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और 139वीं रैंक हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बने। 2023 में उन्हें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का सचिव नियुक्त किया गया।

ये कहानी है उत्तराखंड के जिला सितारगंज के रहने वाले आईएएस अधिकारी हिमांशु गुप्ता (IAS Officer Himanshu Gupta) की। हिमांशु गुप्ता आईएएस, सभी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत हैं क्योंकि गरीबी और कई कठिनाइयों के होने के बावजूद इन्होने कभी हार नहीं मानी, सबका डट का सामना किया और अंत में कड़ी मेहनत करके यूपीएससी में सफलता हासिल की। हिमांशु गुप्ता के सक्सेस की संघर्ष भरी स्टोरी नीचे पढ़ें।

उत्तराखंड के सितारगंज जिले के रहने वाले हिमांशु गुप्ता बचपन से ही होशियार और पढाई- लिखाई में थे। आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण उनका बचपन आम बच्चों से बिलकुल ही अलग था और उन्होंने अपना बचपन अत्यधिक गरीबी में बिताया।

अपने परिवार की खराब स्थिति को देखने के बाद, हिमांशु के पिता ने एक चाय की दुकान शुरू करने का फैसला किया, हिमांशु अपने स्कूल के बाद चाय की दुकान पर अपने पिता की मदद करते थे।

आईएएस अधिकारी हिमांशु गुप्ता को सिर्फ बेसिक अंग्रेजी सिखने के लिए हर दिन 70 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था। स्कूली पढाई पूरी करने के बाद, हिमांशु ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया। फीस का भुगतान करने के लिए ट्यूशन पढ़ाया करते है और ब्लॉग भी लिखा करते थे।

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