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स्पेशल बलिया

जानिए ‘एक जिला एक उत्पाद कृषि योजना’ के तहत बलिया को कौन सा मिला उत्पाद

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लखनऊ: बनारस की मिर्ची, उरई (जालौन) की सब्जी मटर, झांसी की तुलसी और अपने बलिया का परवल के नाम से भी अब उत्तर प्रदेश के ये जिले पहचाने जाएंगे. अन्नदाता सिर्फ इन्हीं जिलों में ही पसीना बहाकर विशेष फसलें नहीं उपजा रहे, बल्कि हर जिले में किसानों की मेहनत अलग रूप में खेतों में लहलहा रही है.

योगी सरकार एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना की तर्ज पर ‘एक जिला एक उत्पाद कृषि योजना’ लागू करेगी, इसमें जिलावार होने वाली फसलों को ही प्रोत्साहित किया जाना है, ताकि अन्नदाता की वाजिब मूल्य मिले और उसकी उपज आसानी से उपलब्ध हो सके.

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उत्तर प्रदेश में ओडीओपी योजना लागू है, इसमें स्थानीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों यानी एमएसएमई की ओर से निर्मित हस्तशिल्प, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, वस्त्र व अन्य पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. सभी जिलों की सूची में कृषि की तीन फसलें सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, गोंडा की दाल व बहराइच का गेहूं ही शामिल है, साथ ही कुछ उद्यान विभाग की फसलें जगह पा सकी हैं.

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कृषि विभाग ने ओडीओपी योजना की तरह जिलावार उपजाई जा रही फसलों को सूचीबद्ध किया है. सभी 75 जिलों में कृषि व उद्यान विभाग की देखरेख में पैदावार की जा रही है. जैसे, चंदौली का काला चावल, मीरजापुर का टमाटर आदि भी सूची में है. फसलों की जिलावार सूची और योजना पर मुख्य सचिव की सहमति मिल गई है, मेक इन इंडिया को मूर्तरूप देने में किसानों भी भागीदार हों, इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, इसी माह के अंत तक उस पर मुहर लगने के आसार हैं.

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