उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की यह कहानी पढ़कर आपको अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘बागबान’ याद आ जाएगी। फिल्म की तरह यहां भी प्रॉपर्टी के साथ बुजुर्ग मां-बाप का बंटवारा हो गया। दोनों को उम्र के आखिरी पड़ाव पर अलग-अलग रहने का दुख झेलना पड़ा।
बंटवारे के वक्त तय होता है कि 85 साल के नारायण गुप्ता छोटे बेटे के साथ रहेंगे। उनकी 82 साल की पत्नी केवली देवी बड़े बेटे के साथ रहेंगी। दोनों घरों के बीच की दूरी सिर्फ 300 मीटर है, मगर बुढ़ापे ने इस दूरी को बहुत लंबा बना दिया।
दोनों मिलना भी चाहें, तो किसी के सहारे की जरूरत पड़ती थी। 10 साल से दोनों अलग-अलग रहते रहे। रविवार को बीमार चल रही केवली देवी की अचानक मौत हो गई। परिवार की महिलाओं ने शव को दुल्हन की तरह सजाया। फिर शव छोटे बेटे के घर लाया गया।
यहां नारायण गुप्ता ने जब पत्नी की लाश को दुल्हन की तरह सजा हुआ देखा, तो अपना दुख बर्दाश्त नहीं कर पाए। उनकी भी मौके पर मौत हो गई। इस घटना के बारे में जिसने भी सुना, नारायण गुप्ता के घर की तरफ दौड़ा चला आया।
इसके बाद दोनों की चिताएं एक साथ चुनार के रैपुरिया गंगा घाट पर सजाई गईं। यहां दोनों बेटों ने मिलकर मां-बाप को मुखाग्नि दी। वाकया अदलहाट इलाके के हाजीपुर गांव का है।