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पिता के साथ ठेले पर बेची चाय, मजदूरी कर किया गुजारा, फिर IAS बन हिमांशु ने रचा इतिहास

IAS Himanshu Gupta Son of a tea seller Inspirational Story: आज हम आपको उस आईएएस की कहानी बताएंगे जिसका बचपन बेहद गरीबी में बीता। पिता का हाथ बंटाने के लिए उसने चाय तक बेची। उत्तराखंड के हिमांशु गुप्ता साल 2020 में आईएएस बने थे। यूपीएससी में उनकी ऑल इंडिया 139 रैंक थी। वह मूल रूप […]

IAS Himanshu Gupta Son of a tea seller Inspirational Story: आज हम आपको उस आईएएस की कहानी बताएंगे जिसका बचपन बेहद गरीबी में बीता। पिता का हाथ बंटाने के लिए उसने चाय तक बेची। उत्तराखंड के हिमांशु गुप्ता साल 2020 में आईएएस बने थे। यूपीएससी में उनकी ऑल इंडिया 139 रैंक थी। वह मूल रूप से सितारगंज के रहने वाले हैं।

2020 में बने आईएएस

उत्तराखंड के हिमांशु गुप्ता साल 2020 में आईएएस बने थे। यूपीएससी में उनकी ऑल इंडिया 139 रैंक थी। वह मूल रूप से सितारगंज के रहने वाले हैं। वह घर से 35 किलोमीटर दूर पढ़ने जाते थे। उन्हें हर दिन 70 किमी का सफर तय करना पड़ता था।

पिता के साथ बेची चाय

उनके पिता चाय का एक ठेला लगाते थे, जिस पर अक्सर हिमांशु भी बैठा करते थे। हिमांशु गुप्ता ने डीयू के हिंदू कॉलेज में एडमिशन लिया। वह ग्रेजुएशन करने वाले अपने परिवार से पहले व्यक्ति थे।

हिंदू कॉलेज के टॉपर

हिमांशु गुप्ता ने हिंदू कॉलेज टॉप किया था। बताते हैं कि उन्होंने कॉलेज की फीस के लिए कोचिंग भी पढ़ाया। साल 2018 में उन्होंने पहली बार में ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली और उन्हें इंडियन रेलवे सर्विस मिला।

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