बलिया के सोहांव ब्लॉक के चौरा गांव के अनुराग सिंह ने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून से पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बनकर गांव का नाम रोशन कर दिया। अनुराग के कंधे पर सितारे सजते ही उनके पिता सेवानिवृत्त कैप्टन लक्ष्मण सिंह और मां रेखा सिंह का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
सेवानिवृत्त कैप्टन लक्ष्मण सिंह, जो 2018 में सेना से कैप्टन के पद पर सेवानिवृत्त हुए, ने सिपाही से कैप्टन तक का सफर तय किया था। लेकिन अनुराग ने पहली ही कोशिश में लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर लिया, जो गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है।
मेहनत और लगन की मिसाल 22 वर्षीय अनुराग ने अपनी शुरुआती शिक्षा केंद्रीय विद्यालय, मेरठ से पूरी की। वर्ष 2020 में उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद पुणे में तीन साल और देहरादून स्थित आईएमए में एक साल का कठिन प्रशिक्षण लिया। शनिवार को आईएमए की भव्य पासिंग आउट परेड में अनुराग लेफ्टिनेंट बने।
गाँव में जश्न का माहौल अनुराग के सैन्य अफसर बनने की खबर से चौरा गांव में जश्न का माहौल है। उनके चाचा जयराज सिंह और राम रूप सिंह ने बताया कि घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। सोशल मीडिया पर भी लोग उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं।
पिता ने साझा की खुशी अनुराग के पिता लक्ष्मण सिंह ने कहा, "मेरे बेटे ने अपने दादा स्वर्गीय राम इकबाल सिंह का सपना पूरा किया है। दादाजी हमेशा कहते थे कि अनुराग एक दिन पिता से भी बड़ा आदमी बनकर दिखाएगा, और आज उनका सपना सच हो गया।"