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खैनी बेचने वाले का बेटा बना IAS अफसर, IIT के बाद UPSC में किया कमाल
नवादा: कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है, बिहार के नवादा जिले के एक तंबाकू बेचने वाले पिता का बेटे ने, जो IAS अफसर बनकर अपने जनपद सहित पूरे देश में नाम रोशन किया है, जिनका नाम निरंजन है। निरंजन को UPSC में 535वीं रैंक मिली है, जबकि 2017 में 728 रैंक मिली थी। निरंजन वैसे हजारों-लाखों बिहारी युवाओं में से एक हैं जिन्होंने काफी कठिन संघर्ष के बाद सफलता पाई है।
बिहार के नवादा जिले के पकरीबरमा गांव के रहने वाले निरंजन कुमार ने जब यूपीएससी की तैयारी करने की सोची तो ये उनके लिए आसान नहीं था। उनके घर की माली स्थिति ठीक नहीं थी। पिता की एक छोटी सी खैनी का दुकान थी, जिससे किसी तरह से घर चल रहा था। चार भाई-बहनों की पढ़ाई लिखाई का इंतजाम करना परिवार के लिए काफी मुश्किल था, लेकिन इसके बाद भी ना तो परिवार ने निरंजन का साथ छोड़ा और ना ही निरंजन ने हार मानी।
निरंजन बच्चों को पढ़ाने के साथ ही स्वयं भी कोचिंग करते थे। इसके लिए उन्हें कई-कई किमी पैदल चलना पड़ता था। तब जाकर वे यूपीएससी की पढ़ाई शुरू कर पाए। 12वीं के बाद उनका सेलेक्शन आईआईटी के लिए हो गया। यहां से परिवार को कुछ उम्मीद बंधने लगी थी। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्हें कोल इंडिया में नौकरी मिल गई। इसके बाद निरंजन की शादी भी हो गई, लेकिन निरंजन का सपना तो आईएएस बनने का था। जिसके लिए एक बार फिर से वो तैयारी करने में जुट गए।