बलिया न होकर गोरखपुर से जाएंगी 10 ट्रेनें, अवागमन के लिए रोडवेज ही सहारा - बलिया की बात
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बलिया न होकर गोरखपुर से जाएंगी 10 ट्रेनें, अवागमन के लिए रोडवेज ही सहारा

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मऊ-बलिया रूट पर एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के निरस्त होने से आठ दिन तक यात्रियों के अवागमन के लिए मात्र रोडवेज बसें ही सहारा हैं। बाराबंकी-अयोध्या कैंट-अकबरपुर-जफराबाद रेलखंड पर इंटरलॉकिंग के चलते 10 जोड़ी ट्रेनें जो बलिया से मऊ होते हुए महानगरों को जाती थीं, अब वो गोरखपुर के रास्ते चलाई जा रही हैं। इसके चलते रोजाना मऊ से बलिया और बलिया से मऊ सफर करने वाले 2500 से अधिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यात्रियों में से कुछ सरकारी कर्मचारी हैं जो रोजाना इन्हीं ट्रेनों से सफर करते थे। सामान्य दिनों में जहां मऊ से बलिया पांच रोडवेज बसें जाती थीं, अब इस रूट पर सात बसें चलाई जा रही हैं। वहीं बलिया डिपो की बसें भी इस रूट पर बढ़ा दी गई हैं। 22 सितंबर से पहले मऊ जंक्शन से रोजाना 22 जोड़ी ट्रेनों से 22 हजार से अधिक यात्री सफर करते थे। लेकिन इनमें से मऊ से होकर जाने वाली 10 जोड़ी ट्रेनें 22 सितंबर से पांच अक्तूबर तक गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, बहराइच के रास्ते लखनऊ होते हुए महानगरों को जा रही हैं।

आजमगढ़, शाहगंज और बलिया डिपो की बसें लगातार इस रूट पर चलती रहती हैं जिससे मऊ डिपो की बसों पर अधिक दबाव नहीं देखने को मिल रहा है। मऊ डिपो की पांच बसें बलिया रूट पर चलाई जाती हैं। एक बस रोजाना मझवारा, नगरा, गढ़वार होते हुए बलिया जाती है, अन्य चार बसें मऊ, रतनपुरा, रसड़ा, चिलकहर होते हुए बलिया जाती हैं।

मऊ-बलिया रेलखंड पर ट्रेनों के डायवर्जन से मऊ डिपो की बसों पर अधिक दबाव नहीं बढ़ा है। रोजाना मऊ डिपो की पांच बसें बलिया रूट पर चलती हैं, इस रूट पर शाहगंज, आजमगढ़ और बलिया डिपो की भी बसें चलती हैं। यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ बढ़ने पर आवश्यकतानुसार बसें भेजी जा रही हैं।- हरिशंकर पांडेय, एआरएम, मऊ

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